आवाज / कोकणचा प्रतिनीधी
सेंट विल्फ्रेड कॉलेज ऑफ लॉ ,पनवेल में सप्ताहिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। प्रोग्राम के कन्वेनर डॉ मृत्युंजय पांडेय, सहायक कन्वेनर डॉ. धर्मेंद्र दुबे एवं महाविद्यालय के सचिव डॉ. केशव बढ़ाया की अध्यक्षता में संपन्न हुई। प्रोग्राम की मुख्य अतिथि डॉ. एम पी कौशिक , कुलपति, ओम स्टर्लिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी के मार्गदर्शन में प्रारंभ हुआ। इस फैकेल्टी डेवलपमेंट में भारत के अंतराष्ट्रीय प्रख्यात संस्थानों के विधि शास्त्रीयो ने हिसा लिया। इस प्रोग्राम में गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्था यूनिवर्सिटी ,नई दिल्ली की विधि विभाग के डीन प्रोफेसर अमरपाल सिंह ने भारतीय संविधान और लिब्रल डोमोक्रेसी प्रकाश डाला। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रोफेसर शिवराम त्रिपाठी लिंग समानता एवम महिलाओ की स्थिति पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ लॉ के प्रोफ़ेसर डॉक्टर अनुराग दीप ने मौलिक अधिकार और विधि के शासन पर अपना विचार व्यक्त किया साथ ही साथ हिंदी भाषा पर बात करते हुए उन्होंने देश की विकास में भाषा की महत्ता पर आलेख प्रस्तुत किए। जामिया मिल्लिया नई दिल्ली के पूर्व डीन एवम वर्तमान प्रोफ़ेसर डॉक्टर नुजहत प्रवीन खान ने कनिन्यूइंग लीगल एजुकेशन इन इंडिया पर अपना मत व्यक्त की, इसपर सभी प्रतायभागी ने ताली के गड़गाहट के साथ उनका स्वागत किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ आशुतोष मिश्रा ने विधि की आधुनिकता पर अपना मंतव्य व्यक्त किया। वही गौतम बुध यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ संतोष तिवारी ने समलैंगिकता के बारे में अपना रिसर्च प्रस्तुत किया महिलाओं के अधिकार से रूबरू कराया। महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर के प्रोफेसर विजय प्रताप तिवारी जी ने क्लास को कैसे इंटरैक्टिव बनाया जाय एवम प्रोफ़ेसर का छात्रों के साथ कैसा संबंध होना चाहिए इसपर अपना मत व्यक्त किया।नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली के प्रोफेसर भारतीय कुमार ने विधि और पर्यावरण पर अपना दृष्टिकोण ज्ञापित किया, वहीं बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉ डी.के मिश्रा ने भारतीय दंड संहिता पर अपना दृष्टिकोण ज्ञापित किया। गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी गौतम बुध यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा के प्रोफेसर डॉ केके द्विवेदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया। सभा का समापन छत्रपति शिवाजी महाराज के वाइस चांसलर डॉ ए के सिन्हा के भाषण से हुआ। इस प्रोग्राम में एंकरिंग के द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने किया था।इस फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में लखनऊ विश्वविद्यालय, ओरिसा विश्वविदयाल,मेरठ विश्वविद्यालय,राजस्थान के विभिन्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर उपस्थित थे। ये प्रोग्राम निश्चित रूप से विधि अध्यन एवम अध्यापन के प्रगति में मिल का पत्थर साबित होगा।
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